शिव नगरी बागेश्वर |
देवभूमि उत्तराखंड में हर प्रकार की पूजा की जाती है प्रसिद्ध चार धाम यात्रा में भगवान शिव की पूजा व दर्शन करने के लिए देश-विदेशों से लोग आते हैं। इसी प्रकार से उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद में स्थित सरयू नदी के समीप बसा हुआ बागनाथ मंदिर जहाँ भगवान शिव की पूजा हमेशा की जाती है।
बागनाथ मंदिर के नजदीक स्थित दशनाम जूना अखाड़ा के साधु संतों द्वारा प्रत्येक दिन मां सरयू की आरती की जाती है यह संध्याकाल में प्रत्येक दिन सरयू नदी की आरती करते हैं तथा सावन के महीने में बागेश्वर की स्थानीय महिलाएं घर से दिए लाकर मां सरयू की आरती में शामिल होकर दीयों को सरयू नदी में जलाकर छोड़ते हैं इस बार इस आरती को भक्त रुप से मनाया जा रहा है जिसे देखकर ऋषिकेश तथा हरिद्वार की आरती की याद आ जाती है मां सरयू हम सभी पर असीम कृपा बनाए रखती है काली चतुर्दशी के पावन अवसर पर बागनाथ मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं।
श्रद्धालु सरयू नदी तट पर |
उत्तराखंड के 13 जिलों में से एक बागेश्वर भगवान शिव की नगरी तथा कुमाऊ की काशी के नाम से जाना जाता है 12 महीनों में अनगिनत मेले लगते हैं जिनमें से मकर संक्रांति, महाशिवरात्रि, दशहरा, काली चतुर्दशी, सावन के सोमवार, माघ का महीना, आदि अनेक मेले जिस में भगवान शिव तथा बाबा काल भैरव की भक्ति भाव से पूजा अर्चना करते हैं भगवान शिव की पूजा पाठ के विशेष पर्व में काली चतुर्दशी के दिन भी श्रद्धालु बाबा काल भैरव को मनाने के लिए अत्यधि प्रसन्न होते हैं। जहां अपने प्रण के अनुसार पूजा-पाठ, घंटी चढ़ाना, बकरा चढ़ाना जैसी अनेक पूजा अर्चना की जाती है।