बग्वाल में सुबह 4:00 बजे से मां बाराही धाम मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू हुई थी इसके बाद मैदान में प्रवेश करने से पहले चारों खामों ( घगहरवाल , चम्याल, लमगड़िया और वालिग) और साथ थोको के योद्धा वीरों ने ने मां वज्र बाराही का का जयकारा किया। इसके बाद मंदिर की परिक्रमा और पूजा - अर्चना के बाद भगवान का आगाज का आगाज का आगाज हुआ। मां बाराही धाम में उपस्थित पंडित कीर्ति बल्लभ शास्त्री की शंखवाणी के साथ सुबह के 11:02 से बग्वाल का श्रीगणेश किया । सबसे पहले मोहन विष्ट के नेतृत्व में केसरिया साफा पहने गहरवाल खाम के रणबांकुरे ही-हा-हा के जयकारे के साथ मैदान में पहुंचे।
उसके बाद गंगा सिंह चम्याल चम्याल के नेतृत्व में गुलाबी साफा पहने चम्याल खाम के रणबांकुरों ने दस्तक दी, इसके बाद वीर सिंह लमगड़िया खाम ने मां बाराही के जयकारा के साथ मैदान में प्रवेश किया और आखिरी में बद्री सिंह बिष्ट बिष्ट के नेतृत्व में सफेद शाखा पहनकर वालिंग खाम के वीर युद्धों ने माता के जयकारे के साथ मैदान में प्रवेश किया 11:10 बजे में पुजारी धर्मानंद ने चंवर झुलाकर बग्वाल समाप्त का संकेत किया।
चारों खामों के करीब 300 लोगों ने बग्वाल में हिस्सा लिया था बग्वाल देखने के लिए 1250 करीब लोग मौजूद थे बग्वाल पर विराम लगाने के बाद चारों ख़ामो के योद्धा वीरों ने कुशल क्षेम पूछने के साथ-साथ मां के सम्मुख शीश नवाया। एस डी एम अनिल गर्ब्याल, सी ओ अशोक कुमार, तहसीलदार सचिन कुमार, निरीक्षक नारायण सिंह , हरीश प्रसाद आदि व्यवस्थाओं को बनाए रखने में अपनी अहम भूमिका निभाई।
बग्वाल में रक्त बनाने की परंपरा की परंपरा की परंपरा
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार भगवान के दिन खोलिखाण दुवाचौड़ा मैदान में एक व्यक्ति के बराबर रक्त बहाने की परंपरा है 2014 में हाईकोर्ट ने पत्थरों की बग्वाल को लेकर रोक लगाई थी तभी से वहां फलों की बग्वाल होती है । यह मान्यता है कि फल के साथ साथ हाथों में पत्थर और ईटों का रूप ले लेती है ले लेती है ताकि एक व्यक्ति के बराबर रक्त अर्पित हो सके
टिन के छत तक पहुंचे बग्वाल के पत्थर
बग्वाल के दौरान कई संख्या में दर्शक खुद को बचाने के लिए मुख्य गेट पर खड़े हो गए थे, गेट के छत पर टिन डाले हुए है, बग्वाली वीरों के पत्थर टिन की छतों तक पहुंच रहे थे। बग्वाल के दौरान मानो ऐसा लग रहा है कि धमाकों की आवाज आ रहे हो। छत से गिरते हुए पत्थर भी लोगों के दिल में डर बैठा रहे थे, ताकि कोई पत्थर हम पढ़ने गिरे।
मां बाराही से बग्वाल के मुखिया बोले कर दो कोरोना को खत्म
चारों खामों के मुखिया परिक्रमा के दौरान मां बाराही को कोरोना जैसी महामारी को खत्म करने की मन्नत मांग रहे थे उन्होंने कहा कि अधिकाल में आ रही बग्वाल परंपरा को बहुत दूर तक पहुंचाना तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य है साथ ही कहा कि मां बाराही पूरे देश भर में अपनी शक्ति का असर दिखाते का असर दिखाते कोरोना को मिटा दो।