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उत्तराखंड का पहला ओहो डिजिटल रेडियो स्टेशन देहरादून में स्थित है । इस ओहो रेडियो के संस्थापक आर.जे. काव्य (कवीन्द्र सिंह मेहता) हमेशा उत्तराखंड की संस्कृति को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देते आ रहे हैं। चाहे व शिक्षा का क्षेत्र हो या फिर किसी संगीत का हर लोगों के द्वारा की गई नेक कार्य को ओहो रेडियो के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का कार्य ओहो रेडियो उत्तराखंड द्वारा किया जा रहा हैं। इसी प्रकार से उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के वर्तमान में हल्द्वानी रहने वाले टीम घुघुती जागर द्वारा कई सालों से फ़ेसबुक, यूट्यूब व अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति को लोगों के बीच लाते आए हैं।
टीम घुघुती जागर के राजेंद्र ढैला अल्मोड़ा, राजेंद्र प्रसाद देवीधुरा व गिरीश शर्मा सल्ट के रहने वाले है। हल्द्वानी में निजी कंपनी में नौकरी के साथ साथ अपनी पहाड़ की संस्कृति को आगे बढ़ा रहे है। इनकी गायकी को देखते हुए आर.जे. काव्य के इनके गीत पसंद आये । यह प्रयास उत्तराखंड टीम घुघुती जागर का सफल रहा और लोगों का सहयोग मिलता रहा। ओहो रेडियो के माध्यम से आर. जे. काव्य ने पूरी टीम का इंटरव्यू लिया। इंटरव्यू के दौरान टीम घुघुती जागर के सभी सदस्य व राजेंद्र ढैला द्वारा एक गीत गाया गया। "आपण मन मे पहाड़ ल्या रयूं " गीत को सुनकर आर.जे. काव्य और भी खुश हो गए, तभी आर.जे. काव्या ने राजेंद्र ढैला वह पूरी टीम घुघुती जागर को कहा इस गीत को ओहो रेडियो के माध्यम से अच्छी तरह रिकॉर्ड किया जाएगा।
बस कुछ ही वक्त बीत जाने के बाद वह शुभ घड़ी आ गई देवी टीम मुक्ति जाकर अपनी संस्कृति की वेशभूषा पहनकर देहरादून 28 अगस्त को ए प्लस रिकॉर्डिंग स्टूडियो देहरादून पहुँचे। तभी रणजीत सिंह के द्वारा इनका आपण मन में पहाड़ ल्या रयूं गीत की रिकॉर्डिंग की गई। इस गीत में संगीत रणजीत सिंह द्वारा दिया गया। ओहो रेडियो जाकर के इस गीत की शूटिंग की गई । तीनों सदस्यों ने इस गीत में चार चांद लगा दिए। और यह गीत को कुछ दिनों में मिक्सिंग होकर ओहो रंगमंच यूट्यूब चैनल पर 12 सितंबर 2021 को रिलीज किया गया। इस गीत को रिलीज होते हुए होते ही यूट्यूब पर हजारों लोगों ने देख लिया था। 10 घंटे में यूट्यूब पर 10,000 लोगों ने देख लिया। इस गीत को लोग खूब पसंद कर रहे हैं। उत्तराखंड की संस्कृति खान-पान रहन - सहन आदि का वर्णन राजेंद्र ढैला ने इस गीत में किया है।
टीम घुघुती जागर राजेंद्र ढैला ने बताया कि बचपन से शौक था कुमाउनी गीत और कविता लिखने का सन 2012-13 से मंचों में कुमाऊनी कविता गीत पढ़ने लगा। इसी दौरान 2016-17 में "मैं क्या मंच" पर पढ़ रहा हूं। क्या सुना रहा हूं इसी को बताने के लिए मैंने सोचा जिसकी उपज है गीत "आपण मन में पहाड़ ल्या रयूं" पिछले लगभग तीन साल से हमारी टीम घुगुती जागर सोशल मीडिया के माध्यम से गीत संगीत को पहाड़ की वादियों से प्रस्तुत कर रही थी। जिस वजह से कई सारे लोगों ने हमसे बातचीत की। उसी में से अक्टूबर 2020 में उत्तराखंड के मशहूर आर.जे. काव्य जी ने हमारा ऑनलाइन इंटरव्यू लिया जिसमें हमने यह गीत गाया। उनको यह गीत इतना अच्छा लगा कि उन्होंने हमसे कहा कि यह गीत हम प्रोपर तरीके से रिकॉर्ड करके बनाएंगे।
बीच में उनका रेडियो स्टेशन ओहो रेडियो उत्तराखंड खुला जिस वजह से वे ब्यस्त थे। लेकिन हमसे संपर्क में थे। बाद में कुछ कोरोना काल की वजह से भी देर हुआ। 28 अगस्त को देहरादून स्थित संगीतकार रणजीत सिंह जी के ए प्लस स्टूडियो में यह गीत रिकॉर्ड किया गया और 29 अगस्त को इसका विडियो शूट ओहो रेडियो स्टेशन में किया गया। यह गीत मेरे द्वारा लिखा और गाया गया है। सहयोग दिया गया है साथी राजेंद्र प्रसाद और गिरीश शर्मा जी ने । संगीत से सजाया गया है रणजीत सिंह जी ने।12 सितंबर को यह गीत आर जे काव्य जी के नये यूट्यूब चैनल ओहो रंगमंच से रिलीज किया गया है।