कपकोट : कपकोट विधानसभा के ग्राम दुलम में क्षेत्र के ग्रामीण 20 अक्टूबर से क्षेत्र में मोबाईल नेटवर्क ना होने व ग्राम दुलम को सड़क मार्ग से जोड़ने की मांग को लेकर क्रमिक अनशन पर बैठे हैं। कितनी बिडम्बना है कि अंतरिक्ष विज्ञान के इस युग में आज़ादी के 74 वर्ष बाद भी जनपद मुख्यालय के पास की लगभग 5000 जनता के फोनों में मोबाईल सिग्नल तक नहीं है।
दुलम गाँव के लोग अपनी मांगों को लेकर धरना |
कपकोट विधानसभा उत्तराखण्ड का वह क्षेत्र है जहाँ से देश के हर सदन में प्रतिनिधि रहे हैं, विधानपरिषद, विधानसभा, राज्यसभा, लोकसभा, राज्य सरकार में मंत्री, केंद्र सरकार में मंत्री, प्रदेश में मुख्यमंत्री जैसे पदों पर कपकोट विधानसभा व अल्मोड़ा लोकसभा के प्रतिनिधि रहे हैं, एक प्रधानमंत्री का पद है जिस पद पर मेरे विधानसभा कपकोट का कोई प्रतिनिधि नहीं रहा वावजूद इसके प्रदेश का यह दुर्गम जनपद आज रॉकेट साइंस के युग में संचार जैसी सामान्य सुविधाओं से भी दूर है। आप कल्पना कीजिये कि यदि आपका फोन 1 घंटे मोबाईल नेटवर्क से बाहर रहता है तो आपको हमको लगता है कि कोई महत्वपूर्ण फोन मिस ना हो जाये, कोई जरूरी काम से फोन ना कर रहा हो आदि, और जनपद बागेश्वर के इस क्षेत्र के लगभग 5000 लोगों के फोन में आज़ादी के 74 वर्ष बाद भी मोबाईल सिग्नल नहीं है।
तीन चार वर्ष पूर्व निजी मोबाईल कम्पनी जिओ ने दुलम निवासी शेर सिंह कोरंगा जी की बड़ेत ग्राम सभा में आने वाली जमीन पर मोबाईल टॉवर स्थापित किया था, शेर सिंह कोरंगा जी का 3 फरवरी 2018 को जिओ कम्पनी के साथ एक अनुबंध पंजीकृत हुआ था लेकिन आज टॉवर स्थापित होने के लगभग तीन से पांच वर्ष बाद भी क्षेत्र के लगभग 5000 मोबाईल फोनों में सिग्नल नहीं है। कोरोना के कारण लगभग 2 वर्ष पूरी दुनियां के विद्यार्थियों ने ऑनलाईन माध्यम से पढ़ाई की, जरा आप सोचिये कि कपकोट विधानसभा के इस क्षेत्र के बच्चों ने 2 वर्ष कैसे अपनी पढ़ाई की होगी ? कैसे क्षेत्र के लोग बाहर नौकरी - पढ़ाई आदि वजह से रह रहे अपने परिवार जनों से बात कर पाते होंगे।
ऐसे युग में जब सारी दुनिया व्यक्ति के मोबाईल फोन में सिमटी हुई है, शिक्षा से लेकर बैंक, नौकरी से लेकर व्यापार सब कुछ मोबाईल फोन के माध्यम से होता हो ऐसे समय में एक जिला मुख्यालय के नजदीक का एक क्षेत्र मोबाईल नेटवर्क जैसी सामान्य सुविधा से दूर हो। जनपद बागेश्वर का यह सिर्फ एक इलाका नहीं है जहां मोबाईल नेटवर्क की दिक्कत है बल्कि क्षेत्र के दर्जनों ऐसे गाँव है जो मोबाईल नेटवर्क से वंचित हैं।
आम आदमी पार्टी के नेता भूपेश उपाध्याय ने 23 अक्टूबर को जिओ टेलीकम्युनिकेशन के वरिष्ठ अधिकारियों से फोन पर बात की, जिओ के अधिकारियों का सकारात्मक जबाब रहा व उन्होंने आश्वस्त किया है कि तुरन्त वह इस टॉवर को स्टार्ट करने हेतु प्रक्रिया शुरू करेंगे और 45 दिन के भीतर सम्पूर्ण क्षेत्र में दुलम (बड़ेत) स्थित टॉवर से मोबाईल सिग्नल मिलेंगे, प्रारंभिक चरण में इस टॉवर से कनेक्ट फोनों में सिर्फ फोन पर बात हो सकेगी, इंटरनेट की सुविधा शुरू करने के लिए थोड़ा समय और लगेगा उसके लिए इस टॉवर को कनेक्ट करने के लिए 1 टॉवर कहीं नजदीकी क्षेत्र में लगाया जायेगा।
आम आदमी पार्टी नेता भूपेश उपाध्याय |
भूपेश उपाध्याय का कहना है कि इस मोबाईल टॉवर को स्टार्ट करवाने का कार्य इतना जटिल व कठिन नहीं था, यहां के विधायक, पूर्व विधायक या अन्य किसी जनप्रतिनिधि ने यदि जिओ कम्पनी से अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से बात की होती तो यह टॉवर 3.5 वर्ष पूर्व ही शुरू हो सकता था। खैर मैं जिओ कम्पनी के अधिकारियों का सादर धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ कि उन्होंने सकारात्मक जबाब दिया और उम्मीद करता हूँ कि अपने वादे के अनुसार 45 दिन के भीतर कम्पनी इस टॉवर को स्टार्ट करेगी, इसके साथ ही उपाध्याय ने जिओ कंपनी के प्रबंधन का धन्यवाद भी किया।