कपकोट। बागेश्वर जनपद बने लगभग 25 साल हो चुके हैं, पर अभी भी कई समस्याओं से लोग जूझ रहे हैं । बात आती है जनसमस्याओं की । उत्तराखंड में कई राजनीतिक पार्टियां आयी तथा स्थानीय लोगों ने अभी तक भाजपा व कांग्रेस की ही सरकार चुनी है। भारत देश का उत्तराखंड एक छोटा पर्वतीय राज्य है जहाँ पर कई छोटी-छोटी समस्यायें अभी भी हैं। उत्तराखंड में 13 जिलों में से एक जिला बागेश्वर आता है। जो एक छोटा सा जिला है । बागेश्वर के कपकोट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला पोथिंग गाँव में अभी तक मोबाईल नेटवर्क उपलब्ध नहीं है। गांव के लोगों को मोबाईल नेटवर्क की सबसे बड़ी समस्या है। जिस समस्या को कई सालों से पोथिंग की जनता झेलते आ रही है। राजनीतिक दलों ने चुनावी रैली के दौरान कई बार गाँव में मोबाईल नेटवर्क उपलब्ध कराने की घोषणा करते आई हैं। इस घोषणा को अभी तक सरकार पूरा नही कर पाई है, स्थानीय लोगों का कहना है कि वोट मिलने व सरकार बनने तक ही यह घोषणा कर दी जाती है। जिसके बाद गांव में जनसमस्याओं को सुनते ही सालों बीत जाते हैं।
पोथिंग गाँव में मोबाईल नेटवर्क समस्या |
पोथिंग गाँव के लोगों द्वारा तहसील कार्यालय में अनसन व धरना प्रदर्शन करने के बाद भी सरकार गाँव की समस्याओं पर कोई अमल नहीं कर रही है। इस मोबाईल नेटवर्क का प्रभाव गाँव के स्कूली छात्रों , स्वास्थ्य संबंधित सूचना व गाँव के अन्य जरूरी काम करने के लिए गाँव से 4, 5 किमी. दूर जाना पड़ता है। इसी समस्या को लेकर गाँव के लोगों द्वारा रोष जताया जा रहा है। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहें हैं वैसे ही लोगों का कहना है कि इस बार "मोबाईल नेटवर्क नही तो वोट नही " का मुद्दा गाँव की जनता द्वारा उठाया जा रहा है। इसी के साथ लोगों का कहना है कि पोथिंग गाँव से ही विधायक , मंत्री व बड़े-बड़े पदों पर नेता हैं, जिन्होंने अपने गाँव की समस्याओं पर कोई ध्यान नही दिया। अब इसी समस्या को लेकर गाँव की जनता का कहना है कि हमारी माँगें पूरी नही होगी तो वोट किसी भी प्रत्याशी को नही दिया जायेगा। अन्यथा गाँव की मांग को लेकर गाँव के लोगों द्वारा जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया जायेगा।