पोथिंग गाँव में गढ़िया बग्वाल महोत्सव की तैयारियां जोरों पर । आगामी 23 नवम्बर को गढ़िया बग्वाल मेले का होगा शुभारम्भ
Gariya Bagwal Member's |
खड़क सिंह मेहता
बागेश्वर जनपद के कपकोट तहसील के अंतर्गत आने वाला गांव पोथिंग Gariya Bagwal Festival में गढ़िया बग्वाल महोत्सव की तैयारियां जोरों पर है। आगामी 23 नवम्बर को गढ़िया बग्वाल मेले का शुभारम्भ होने जा रहा है। जिसको लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह दिखने को मिल रहा है। तहसील क्षेत्र के गढ़िया परिवारों द्वारा इस बार गढ़िया बग्वाल महोत्सव को एक भव्य रूप में देने का निर्णय लिया गया है। क्षेत्रीय जनता, गढ़िया बग्वाल के पदाधिकारी तथा स्थानीय वर्तमान विधायक के सहयोग से पोथिंग गढ़िया बग्वाल मेले को इस बार भव्य रूप में मनाया जाएगा।
खेल मैदान की सफाई करते |
यहीं गढ़िया बग्वाल सचिव भुवन गढ़िया ने बताया कि राजकीय इंटर कॉलेज पोथिंग खेल मैदान में आयोजित कार्यक्रम से पूर्व से ही वर्तमान विधायक सुरेश गढ़िया के सहयोग से जेसीबी मशीन द्वारा खेल मैदान की सफाई तथा मैदान में बरसात के समय बने हुए गड्डों को भरना व चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है, जो की गढ़िया बग्वाल मेले तक मैदान पूरे तरह से तैयार हो जायेगा। पोथिंग Pothing मोटर मार्ग की भी सफाई की गयी है। वहीं गढ़िया ने यह भी बताया कि सभी पदाधिकारी एवं क्षेत्र व ग्रामीणों द्वारा पूरा सहयोग मिल रहा है। पूरे कपकोट क्षेत्र के गढ़िया परिवारों से मिलकर गाँव - गाँव जाकर आमंत्रित किया जा रहा है। इस बार बीते वर्षों के भांति गढ़िया बग्वाल महोत्सव एक भव्य रूप में मनाया जाएगा।
निमंत्रण देते हुए |
दशकों से चलती आ रही यह पारम्परिक परम्परा को गड़िया परिवार पोथिंग द्वारा बीते चार सालों से इसको एक मेले के रूप में मनाया जा रहा है। इससे पूर्व अपने अपने घरों में पकवान बनाकर इस त्यौहार को मनाया जाता था। गढ़िया बग्वाल त्यौहार को कपकोट ब्लॉक के गाँव तोली, गडेरा, फरसाली, जालेख, पन्याति, लीली, गैनाड़, बिथी-पन्याति, कन्यालीकोट, कपकोट, लखमारा, छुरिया, हरसीला, सीमा, रीमा व पोथिंग गाँव में मनाया जाता है। वहीं गढ़िया परिवार के मित्रों द्वारा भी यह पर्व को मनाया जाता है।
बग्वाल पोस्टर जारी |
गढ़िया बग्वाल महोत्सव में स्थानीय लोगों तथा बाहर से आये मेलार्थियों द्वारा पारम्परिक झोड़ा, चाचरी गायन किया जाता है। मेले को भव्य बनाने के लिए उत्तराखंड सांस्कृतिक विभाग के टीमों द्वारा लाइव स्टेज शो कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं तथा स्थानीय कलाकारों द्वारा भी प्रतिभाग कर अपनी प्रस्तुति देते हैं। मेले में आये सभी दर्शक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लेते हैं। स्थानीय तथा बाहर से आये व्यापारियों द्वारा इस मेले में दुकानें लगाई जाती हैं। ग्रामीणों द्वारा सुबह से साम तक खाने भंडारा का लगाया जाता है।