जोशीमठ के 863 घरों में दरार है, जिन परिवारों को स्थापित किया है, उन सभी रीलीफ सेंटरों में जाकर वंदे मातरम ग्रुप टीम द्वारा उनके दुख दर्द को जाना एवं उनकी हर संभव मदद की
वंदे मातरम ग्रुप |
ब्यूरो चीफ
चमोली। जोशीमठ के 863 घरों में दरार है, जिन परिवारों को स्थापित किया है, उन सभी रीलीफ सेंटरों में जाकर वंदे मातरम ग्रुप टीम द्वारा उनके दुख दर्द को जाना एवं उनकी हर संभव मदद की। उत्तराखंड के जोशीमठ में आई आपदा में राहत कार्य हेतु हल्द्वानी से वंदे मातरम ग्रुप अपनी टीम के साथ पिछले 4 दिनों से लगातार जोशीमठ के कई क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य में लगा हुआ है। वंदे मातरम ग्रुप के अध्यक्ष शैलेंद्र का कहना है कि जोशीमठ के 863 घरों में दरार है, जिन परिवारों को स्थापित किया है, उन सभी रीलीफ सेंटरों में जाकर वंदे मातरम ग्रुप टीम द्वारा उनके दुख दर्द को जाना एवं उनकी हर संभव मदद की।
वंदे मातरम ग्रुप हल्द्वानी द्वारा विस्थापित किए हुए परिवारों के मवेशियों के चिंता को समझा और उन मवेशियों के लिए खान - पान, चोकड़ की व्यवस्था की गई। लोगों की जीवनचर्या इस आपदा से प्रभावित होने के कारण लोग जानवरों को भी खाना नहीं दे पा रहे हैं, जिसको देखते हुए वंदे मातरम ग्रुप ने अपने वॉलिंटियरों के माध्यम से जगह जगह पर लावारिस कुत्तों, घोड़ों एवं मवेशियों को प्रतिदिन खाना खिलाने का कार्य कर रही है।
50 हजार का चेक प्रदान करते हुए |
वंदे मातरम ग्रुप द्वारा जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति को 50 हजार रूपए का चेक प्रदान करके जोशीमठ को बचाने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया है।
वंदे मातरम ग्रुप हल्द्वानी के संस्थापक अध्यक्ष शैलेंद्र दानू ने इस मुहिम में सहयोगकर्ताओं का धन्यवाद किया एवं बताया कि वंदे मातरम ग्रुप द्वारा स्थानीय वॉलिंटियर्स और उनकी टीम बना दी गई है जिनके साथ मिलकर इस आपदा से प्रभावित लोगों और जानवरों की सेवा और राहत का कार्य लगातार किया जा रहा है। उनके साथ टीम में भूपेंद्र कोरंगा, पंकज दानू एवं कमल तिवारी शामिल है।