जिलाधिकारी वंदना सिंह |
कमलुवागांजा तिराहा (हनुमान मंदिर आरटीओ रोड), कमलुवागांजा रोड, लामाचौड़ चौराहा, कठघरिया चौराहा, ऊंचापुल, पंचायत घर चौराहा, रामपुर रोड, कॉलटैक्स तिराहा, नरीमन चौराहा एवं काठगोदाम में कॉलटैक्स से रेलवे चौक होते हुए नरीमन तक मार्गों के चौड़ीकरण एवं सुधारीकरण
राज्य में यातायात नियमों को लेकर नैनीताल जिलाधिकारी द्वारा सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। आज फिर हल्द्वानी से एक बड़ी ख़बर सामने आई है हल्द्वानी के ट्रैफिक जाम की बहुत बड़ी समस्या पैदा हुई है। इस जाम से निजात दिलाने के लिए शासन प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है। और बताया जा रहा है कि यह जिलाधिकारी वंदना सिंह द्वारा हर सप्ताह विभागीय समीक्षा बैठक ली जा रही है जिसका असर दिखने को मिल रहा है। क्योंकि शहर के 14 चौराहों और तिराहों के कायाकल्प की तैयारी शुरू हो गई है। सुचना मिलने पर बताया गया है कि जिलाधिकारी के दिशानिर्देशों पर लोक निर्माण विभाग ने इन सभी 14 चौराहों एवं तिराहों के सुधारीकरण एवं चौड़ीकरण की डीपीआर तैयार कर ली है। वहीं डीपीआर के मुताबिक इस कार्य पर करीब 16.50 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। बताया जा रहा है कि जैसी इस संबंध में लोनिवि के अधिशासी अभियंता अशोक कुमार, और दूसरी ओर जिलाधिकारी वंदना सिंह के दिशानिर्देशों पर 14 चौराहों और तिराहों का स्थलीय निरीक्षण कर इनके सुधारीकरण और चौड़ीकरण के लिए भी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है। जिसे जिलाधिकारी को भी भेज दिया गया है। और बताया जा रहा है कि अब डीपीआर शासन को भी भेजी जा रही है। वहीं शासन स्तर से स्वीकृति होने के उपरांत इन कार्यों के लिए निविदा प्रक्रिया आमंत्रित की जाएगी।
Uttrakhand News Haldwani
जैसे आपको बता दें कि बीते दिनों नैनीताल जिलाधिकारी वंदना सिंह ने स्थलीय निरीक्षण के उपरांत लोक निर्माण विभाग PWD के अधिकारियों को भी इस सभी चौराहों पर जो की प्रकार सिंधी चौराहा, यातायात नगर, देवलचौड़ चौराहा, मुखानी चौराहा, लालडांठ तिराहा, कुसुमखेड़ा तिराहा, जैसे इन सभी 14 तिराहों और चौराहों और कमलुवागांजा तिराहा (हनुमान मंदिर आरटीओ रोड), कमलुवागांजा रोड, लामाचौड़ चौराहा, कठघरिया चौराहा, ऊंचापुल, पंचायत घर चौराहा, रामपुर रोड, कॉलटैक्स तिराहा, नरीमन चौराहा एवं काठगोदाम में कॉलटैक्स से रेलवे चौक होते हुए नरीमन तक मार्गों के चौड़ीकरण एवं सुधारीकरण की डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए थे। जैसे शासन से अनुमति मिली तो तभी से यह कार्य शुरू किया जाएगा।