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काठगोदाम स्थित फर्जी डिग्री डिप्लोमा बांटने वाले कॉलेज की जांच की मांग को लेकर युवाओं ने सौंपा ज्ञापन

ज्ञापन सौंपा

काठगोदाम स्थित फर्जी डिग्री डिप्लोमा बांटने वाले कॉलेज की जांच की मांग को लेकर युवाओं ने सौंपा ज्ञापन

उत्तराखंड बेरोजगार संघ द्वारा आज दिनांक 14 अक्टूबर 2023 को काठगोदाम स्थित फर्जी डिग्री डिप्लोमा बांटने वाले कॉलेज की उच्च स्तरीय जांच की मांग कराई जाने हेतु उप जिला अधिकारी हल्द्वानी के माध्यम से निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य उत्तराखंड को ज्ञापन प्रेषित किया, इसी के साथ ही युवाओं ने बताया जैसा कि विदीत है हल्द्वानी काठगोदाम में पिछले कई वर्षों से डीपीएमआई नामक इंस्टिट्यूट संचालित हो रहा था, जिसके द्वारा अब तक 94 बच्चों को डिग्री डिप्लोमा दिए गए। जब छात्र-छात्रा इसका आगे के कोर्स करने के लिए एवं सरकारी नौकरी में आवेदन करने के लिए इस डिप्लोमा के साथ गए तो पता चला कि यह डिप्लोमा फर्जी हैं। छात्र-छात्राओं द्वारा कुछ दिन पूर्व उत्तराखंड बेरोजगार संघ के लोगों से इस संदर्भ में वार्ता की गयी, जिसके बाद काठगोदाम थाने में 2 दिन पूर्व उक्त कालेज के संचालकों पर उत्तराखंड पुलिस द्वारा 420 का मुकदमा दर्ज किया गया । 

Uttarakhand news Haldwani

ज्ञापन

उत्तराखंड बेरोजगार संघ के सहसंयोजक कार्तिक उपाध्याय ने कहा कि यह सिर्फ 420 का मामला ही नहीं है बल्कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य के मौलिक अधिकारों का हनन भी किया जा रहा है । ऐसे में प्रदेश भर में जितने भी पैरामेडिकल कॉलेज संचालित हैं उन सभी की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए एवं वर्तमान में जो फर्जी डिप्लोमा बांटने वाला कॉलेज सामने आया है इसकी विभागीय जांच हो एवं यह भी पता लगाया जाए आखिर इतने लंबे समय से किसके संरक्षण में यह कॉलेज फल फूल रहा था । वही उत्तराखंड बेरोजगार संघ के कुमाऊं संयोजक भूपेंद्र कोरंगा ने कहा कि पहाड़ के छात्र-छात्रा अपने भविष्य की पढ़ाई करने जब हल्द्वानी आते हैं ऐसे में कॉलेज द्वारा उन्हें प्रलोभन देकर अपने संस्थान में दाखिला दिलाया जाता है लेकिन उनके हाथ में फर्जी डिप्लोमा पकड़ा दिया जाता है। ऐसे में जरूरत है की इस तरह के संस्थानों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए। वही उक्त कालेज के छात्र विभांशु जोशी का कहना है कि उनके मां-बाप का न सिर्फ पैसा खर्च हुआ बल्कि उनके जीवन का पढ़ाई के दौरान महत्वपूर्ण समय भी लगा लेकिन उन्हें बाद में फर्जी डिप्लोमा पकड़ा दिए गए। जो सिर्फ कागज है कूड़ा हैं।  उच्च स्तरीय विभागीय अधिकारियों को इसे संज्ञान में लेकर हमें इंसाफ दिलाना चाहिए।