हरिमोहन वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर |
हरिमोहन ऐठानी (वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर) कल्कि अंतराष्ट्रीय गौरव सम्मान 2024 से हुए सम्मानित, ख़ुशी का माहौल
राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय स्तर पर कई अवॉर्ड अपने नाम कर चुके कपकोट के हरिमोहन ऐठानी आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। आपको बता दें कि हरिमोहन सिंह ऐठानी (वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर), ऐठाण (कपकोट) को दिनांक 3 जून 2024 को कल्कि अंतराष्ट्रीय गौरव अवार्ड वर्ष 2024 प्रदान किया गया है। यह अवार्ड ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) की प्रतिष्ठित संस्थान कल्कि फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा प्रदान किया गया है। यह सम्मान इनको गणित के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि, गणित के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय, विश्व रिकॉर्ड, अवार्ड और युवाओं को गणित रिसर्च के प्रति प्रेरित करने के लिए प्रदान किया गया है। हरिमोहन अब तक विभिन्न राष्ट्रीय , अंतराष्ट्रीय संस्थाओं से लगभग 40 प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुके हैं। यह सोशल मीडिया के माध्यम से गणित के विभिन्न शॉर्ट ट्रिक्स,रीजनिंग, सूत्रों और इनोवेशन को साझा कर प्रतियोगी छात्र छात्राओं को मोटिवेट करते रहते हैं। हरिमोहन ऐठानी के दो अंतराष्ट्रीय गणितीय जर्नल प्रकाशित हो चुके हैं, इन्होंने मात्र 15 दिनों में अंतराष्ट्रीय गणितीय कंजेक्चर का हल दिया था। इनकी उपलब्धियों की शुरुआत सन 2009 से हुई थी , जिसमे इनको मैजिक स्क्वायर लिखने में लिम्का बुक ऑफ नेशनल और वर्ल्ड रिकॉर्ड मिला था। जिसकी 13 kg की किताब लिम्का संस्था ने प्रमाणित किया है
Award harimohan aithani |
हरिमोहन ऐठानी की कुछ उपलब्धियां निम्न हैं।
लिम्का बुक ऑफ नेशनल रिकॉड
लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड
यूनिवर्सल रिकॉर्ड फोरम
मैथ जीनियस वर्ल्ड रिकॉर्ड
इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
असम बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉड
इनफिनिटी बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड
एवरेस्ट बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड
एक्सक्लूसिव बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
कलाम बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉड
वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर क्लब अवार्ड
इंटरनेशनल बेस्ट टीचर अवार्ड
नेशनल जूरी अवार्ड
प्राइड आफ इंडिया अवार्ड
इंडिया स्टार प्राउड अवार्ड
इंडिया स्टार आइकन अवार्ड
उत्तराखंड आइकन अवार्ड
इंटरनेशनल आइकन अवार्ड आदि।
इनकी ये उपलब्धियां गणित के विभिन्न सिद्धांतों को अपने तरीके से कम से कम समय में सिद्ध करने और गणित के नए नए इनोवेशन को खोजने में दिए गए हैं। हरिमोहन ने यह भी बताया कि आजकल प्रतियोगिता का स्तर काफी ऊंचा हो गया है , कुछ विषय ऐसे होते हैं जो विद्यालय के पाठ्यक्रम में नहीं है जैसे रीजनिंग वाला विषय जो काफी जटिल और कन्फ्यूजन वाला होता है बच्चों को अन्य विषयों का मार्गदर्शन तो मिल जाता है , लेकिन रीजनिंग से संबंधित क्वेश्चन को वो कम हल कर पाते हैं, जिनसे वे अनभिज्ञ होते हैं। बेसिक कांसेप्ट कमजोर होने के कारण उन्हें हल करने में ज्यादा समय बर्बाद हो जाता है फलस्वरूप इसकी वजह से उनके अंकों का स्तर गिर जाता है, आजकल हरिमोहन समय समय पर सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चों को शॉर्ट ट्रिक्स और सूत्र साझा करते रहते हैं ताकि जिज्ञासु बच्चों का रीजनिंग कांसेप्ट विकसित हो जाए, ताकि बच्चे मिनटों वाले क्वेश्चन को सेकंड्स में हल कर पाएं।