विकासखंड कपकोट के शामा इंटर कॉलेज में शुक्रवार को राज्य सरकार के सेवा, सुशासन और विकास के तीन वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में जन सेवा थीम पर बहुउद्देश्यीय एवं चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में विभिन्न सरकारी विभागों ने अपने स्टॉल लगाकर आम जनता को सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी दी, जिससे मौके पर ही कई लोगों को लाभ मिला। शिविर का उद्घाटन क्षेत्रीय विधायक सुरेश गड़िया ने किया। उन्होंने विभिन्न विभागों के स्टॉलों का निरीक्षण किया और अधिकारियों से योजनाओं की जानकारी ली।
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बहुउद्देश्यीय एवं चिकित्सा शिविर |
इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए विधायक सुरेश गड़िया ने कहा कि कपकोट विधानसभा क्षेत्र को एक आदर्श विधानसभा बनाने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है। विधायक गड़िया ने प्रदेश सरकार की रोजगार सृजन की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सरकार हर हाथ को काम देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का मुख्य लक्ष्य योजनाओं को प्रभावी ढंग से जमीनी स्तर पर लागू करना है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क जैसे बुनियादी क्षेत्रों में किए जा रहे अभूतपूर्व कार्यों का उल्लेख किया।
पर्यटन की अपार संभावनाए बताते हुए विधायक ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपनी संस्कृति को बचाने और बढ़ावा देने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने लखपति दीदी योजना की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि यह योजना महिलाओं को सशक्त बना रही है। उन्होंने बताया कि कीवी को 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' योजना में शामिल करने से क्षेत्र को एक नई पहचान मिली है। विधायक गड़िया ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने क्षेत्र में बेहतर नेटवर्क कनेक्टिविटी के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी और कहा कि जल्द ही नेटवर्क सेवाओं में सुधार होगा। कहा कि क्षेत्र में 25 लाख रुपये की लागत से खेल मैदान स्वीकृत किया गया है, जिसे मिनी स्टेडियम के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, शामा में 3 करोड़ रुपये की लागत से पार्किंग का निर्माण भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कपकोट के विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने का कार्य प्रगति पर है और गोट वैली परियोजना के माध्यम से लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।